Naag Leela

 Naag Leela



श्री कूल यमुना धेनु आगे, जल में बैठे प्रभु जी आन के। 

नाग नागिन दोनों बैठे, श्री कृष्ण जी पहुंचे आन के। 

      नागिन कहती सुन रे बालक, जाओ यहाँ से भाग के। 

      तेरी सूरत देख मन दया उपजी, नाग मरेगा जाग के। 

किसका बालक पुत्र कहिये , कौन चहरा ग्राम है। 

किसके घर तू जनमिया रे बालक काया तुम्हारा नाम है। 

       वासुदेव जी का पुत्र कहिये , गोकुल हमारा गाम है। 

       श्री माता देवकी जनमिया मेनू , श्री कृष्ण हमारा नाम है। 

लेके बालक हत्था दे कंगन काना दे कुण्डल , सवा लाख की बोरियां। 

इतना द्रिव्य ले रे बालक, दिन नाग़ा कोलों चोरियां। 

        क्या करें तेरे हाथों दे कंगन , कानों के कुण्डल , सवा लाख की बोरियां। 

       श्री माता यशोदा दही बिलोवे , पावैं नाग काले दी डोरियां। 

क्यों रे बाल वेद बराह्मन , क्या मारे तू तन चाहना ए। 

नाग दाल में आन पहुँचाया , अब कैसे घर जावना ए। 

      ना रे पदमनी वेद ब्राह्मण , नेतरा मांगे काले नाग का। 

     उठो रे उठों बलवंत योद्धा , बालक नथने को आया। 

उठयो रे उठओ मांडलिक राजा राजा , इन्दर बं।गु  गर्जिया। 

बांके मुकुट पर झपट किनी , श्री कृष्ण जी मुकत बचाया। 

       भुजा को बल सवामी खेच लिओ , जीभ का बल प्रभु हरण किया। 

       हाथ जोड़ नागिनियाँ कहती , हूँ बल पिया कहाँ गया।   

बंसरी सेती काली नाग नथिया , फन फन नृत्ये कराया। 

फूल फूल मथुरा की नगरी , देवकी मंगल गाया। 

         भवन हेतु प्रभु जनम लेकर , लंका में रावण मारिया। 

         काली प्रल्हाद नाग नाथिया , मथुरा में कंस पेशरिया। 

सपत द्वीप नो खंड चौधेय , सभी तेरा है पसारिया। 

सूरदास प्रभु तेरा यश गावे , तेरे चरणों तों बलिहारिये। 

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