Jag Janni Pharon Vali Maa
Jag Janni Pharon Vali Maa मईया हमें न बिसारिओ , चाहे लाख भक्त मिल जाहीं , हम सम तुम को बहुत माँ। तुम सम हमको नाहीं।। भक्तों की लाज रखो माँ भवानी , मेरे घर आजा तेरी मेहरबानी , मेरे घर आजा तेरी मेहरबानी। जग जननी पहाड़ां वाली माँ , कभी भक्तों के घर आ जाओ , कभी भक्तों के घर आ जाओ , अपने ही दिए हुए अन्न जल का , कभी खुद ही भोग लगा जाओ , कभी खुद ही भोग लगा जाओ। जग जननी पहाड़ों वाली माँ , जग जननी पहाड़ों वाली माँ। इस घर में हमारा कुछ भी नहीं , जो कुछ भी है माँ सभ कुछ तेरा है , चाहे दुःख है यहाँ चाहे सुख की घडी , चाहे रौशनी चाहे अँधेरा है , हम चाकर बनकर सेवा करें , हम चाकर बनकर सेवा करें। बन मालिक हुसन जगा जाओ जग जननी पहाड़ों वाली माँ , अपने ही दिए हुए अन्न जल का , यहाँ कुछ है सुदामा के चावल , यहाँ विदुर का माँ कुछ साग भी है , कुछ श्रद्धा का सागर उमड़ा हुआ , कुछ भक्ति लगन अनुराग भी है , कुछ तुम भी अपने चरणों का , कुछ तुम भी अपने चरणों का , हमें अमृत पान करा जाओ , जग जननी पहाड़ों वाली , जग जननी पहाड़ों वाली। घर अपना बना लो इस घर में , हम मिल ज...
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